पठतो नास्ति मूर्खत्वं जपतो नास्ति पातकम् !
मौनिनः कलहो नास्ति, न भयम चास्ति जाग्रतः !!
{ सुभाषित भाण्डागार ~ १५८-५ }

पढ़ने वाले (अध्ययनशील) मनुष्यों में मूर्खता नहीं होती है, जप करने वालों में पातक (पाप) नहीं होते हैं, मौन धारण करने वालों में कलह (झगड़े) नहीं होता है, और जागते (सजग, सावधान) रहने वालों में भय नहीं होता है !

One who always reads (studies) is devoid of ignorance & foolishness, one who always keeps chanting holy words is devoid of bad Karma (past sins), one who maintains silence is devoid of any conflicts & fights, one who is always awake (aware) is devoid of any fear. { Subhaashita Bhandagaar ~ 158-5 }

 
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